मजाक तो हम बाद में बने,
पहले तो सबने अपना बनाया था!!
लोग कितने बेपरवाह हो गए है कि भूल गए हैं कि किसी का use अपने फायदे के लिए तभी तक ठीक है जब तक दुसरे का नुक्सान नहीं हो रहा
पहले लोग अपनापन दिखाकर अपना बनाते हैं और फिर अपना मतलब निकल जाता है तो चाय में से जिस तरह मक्खी निकाल कर फेंकते हैं वैसे ही लोगों को वो अपनी ज़िन्दगी से ऐसे दूर कर देते है जैसे कभी जानते ही नहीं थे