अभी ग़नीमत है सब्र मेरा, अभी लबालब भरा नहीं हूं
वो मुझको मुर्दा समझ रहा है, उसे कहो मैं मरा नहीं हूं
Abhi Ganimat Hai Sabr Mera, Abhi Lavalab Bhara Nahi Hun,
Wo Mujhko Murda Samajh Raha Hai, Use Kaho Mein Mara Nahi Hun.
वो कह रहा है कि कुछ दिनों में मिटा के रख दूंगा नस्ल तेरी
है उसकी आदत डरा रहा है, है मेरी फितरत डरा नहीं हूं
Wo Keh Raha Hai ki Kuch Dino Mein Mita Ke Rakh Doonga Nasl Teri,
Hai Uski Aadat Dara Raha Hai, Hai Meri Fitrat Dara Nahi Hun.
आज हम दोनों को फ़ुर्सत है चलो इश्क़ करें
इश्क़ दोनों की ज़रूरत है चलो इश्क़ करें
Aaj Hum Dono Ko Fursat Hai Chalo Ishq Karein,
Ishq Dono Ki Jarurat Hai Ishq Karein.
इसमें नुकसान का ख़तरा ही नहीं रहता है
ये मुनाफे की तिजारत है चलो इश्क़ करे
Ismein Nuksan Ka Khatra He Nahi Rehta Hai
Ye Munafe Ki Tizarat Hai Chalo Ishq Karein
आप हिंदू, मैं मुसलमां, ये इसाई, वो सिख
यार छोड़ो ये सियासत है, चलो इश्क़ करें
हाथ ख़ाली हैं तिरे शहर से जाते जाते
जान होती तो मिरी जान लुटाते जाते
अब तो हर हाथ का पत्थर हमें पहचानता है
उम्र गुज़री है तिरे शहर में आते जाते
रेंगने की भी इजाज़त नहीं हम को वर्ना
हम जिधर जाते नए फूल खिलाते जाते
मैं तो जलते हुए सहराओं का इक पत्थर था
तुम तो दरिया थे मेरी प्यास बुझाते जाते
हम से पहले भी मुसाफ़िर कई गुज़रे होंगे
कम से कम राह के पत्थर तो हटाते जाते
– राहत इंदौरी (By Rahat Indori)
(1 जनवरी,1950–11 अगस्त,2020)
This post dedicated to Indian Cricketer Wicket Keeper Left Handed Batsman Rishabh Pant’s Innings with Chennai Super Kings. This beautiful and brave knock came after coming back from the death incident.
Well Done Rishabh Pant.