बेवकूफी की तारीफ में, बुनते हैं जो फरेब के जाल,
खुद भी रहेंगे अंधेरे में, दूसरों को भी रखेंगे बेहाल।अनपढ़ों की महफिल में, गूँजती है बस झूठी शान,
दिखावे की दुनिया में, कैसे समझें सच्चे ज्ञान की पहचान।
Illiterate people always praises illiteracy and they allow illiterate people like them so that they will not look indifferent in them.