Hum to samjhe the bhool gaye unko…

Hum to samjhe the bhool gaye unko...

कभी ख़ुद पे कभी हालात पे रोना आया,
बात निकली तो हर इक बात पे रोना आया||

हम तो समझे थे कि हम भूल गए हैं उन को,
क्या हुआ आज ये किस बात पे रोना आया||

किस लिए जीते हैं हम किस के लिए जीते हैं,
बारहा ऐसे सवालात पे रोना आया ||

कौन रोता है किसी और की ख़ातिर ऐ दोस्त,
सब को अपनी ही किसी बात पे रोना आया ||

By – SAHIR LUDHIANVI

पुस्तक : Kulliyat-e-Sahir Ludhianvi (पृष्ठ 417)रचनाकार : SAHIR LUDHIANVIप्रकाशन : Farid Book Depot (Pvt.) Ltd

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