Yaad Rakhte Hain Hum Aaj Bhi Unhein…

याद रखते हैं हम आज भी उन्हें पहले की तरह
कौन कहता है फासले मोहब्बत की याद मिटा देते हैं।

Yaad Rakhte Hain Hum Aaj Bhi Unhein Pehle Ki Tarah,
Kaun Kehta Hai Faasle Mohabbat Ko Mita Dete Hain!

Jab milunga kya kahunga khud ko khud se…

सोचता हूं जब मिलूंगा खुद से..??

फिर क्या कहूंगा मैं खुद को खुद से..!!

कभी कभी सोचता हूँ इश्क़ के चक्कर में जो कुछ खो चुका हूँ उसकी भरपाई शायद ज़िन्दगी भर नहीं कर पाउँगा। अब तक जो भी कोशिश रही मेरी मैंने सब कुछ भुला कर उसको पाने की कोशिश की लेकिन अब मुझे खुदको पाना है और डर लगता है कि जब कभी मेरी खुद से मुलाक़ात होगी क्या कहूंगा मैं खुद को ??

Kya kahun? Kis se kahun? Aur Kyu Kahun?

क्या कहूं मैं किससे कहूं मैं कब कहूं

क्या कहूं मैं

किससे कहूं मैं

कब कहूं मैं

और अब क्यूं कहूं मैं की तुमसे इश्क़ हैं मुझे..!!

बहुत सारी बातें हैं जो कहनी है, बहुत सारे सवाल हैं जो पूछने है, बहुत सारी बातें जो सुननी हैं तुमसे
लेकिन ये दूरी ने सब ख़त्म कर दिया काश…

इश्क़ आज भी उतना ही है तुमसे और मुझे ज़रा भी संकोच नहीं ये स्वीकार करने में कि मैं आज भी बेइंतेहा इश्क़ करता हूँ और रोज़ यही प्रार्थना करता हूँ कि तुम मेरा आखिरी इश्क़ रहो मेरी आखिरी साँस तक